तुम आके दिल में हमारे घर बनाए बैठे हो ,
ख्वाबो में भी अपना डेरा बसाए बैठे हो ,
ये ना पूछना की क्या हम दीवाने है तुम्हारे
, बस ये जान लो तुम अपनी हर ।
अदा से हमारा दिल छुआए बैठे हो ,
कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था ,
सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था ,
सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है ,
जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था